हरिद्वार । वैश्विक महामारी कोविड—19 के चलते हुए लॉक डाउन के दौरान महाराष्ट्र के पालघर में जूना अखाड़ा के दो संतो की हत्या पर बोलते हुए श्रीअखंडा परशुराम अखाड़ा के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि जूना अखाड़ा के दो संतों की लाक डाउन के दौरान पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी जाती है और सरकार आज तक मामले का पर्दाफाश नहीं कर पाती है तो सरकार की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाना वाजिब है।
वहीं दूसरी ओर उन्होंने कहा कि पालघर घटना पर एक चैनल के पत्रकार द्वारा संतों की हत्या को प्रमुखता से उठाने पर एक पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा चैनल के पत्रकार पर हमला होना यह प्रेस की आजादी पर अंकुश लगाना है जबकि ऐसा कदापि नहीं होना चाहिए । पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि सनातन संस्कृति की परंपरा को आगे बढ़ाने में संतों का बड़ा योगदान है।संत बनना हर व्यक्ति के बसकी बात नहीं है संत बनने के लिए त्याग तपस्या का अनुसरण करना पड़ता है। दो संतो को पुलिस के सामने भीड़ के द्वारा पीट-पीटकर मौत के मौत के घाट उतार दिया जाता है और सरकार संतों की मौत पर राजनीति करती है इससे बड़ा दुर्भाग्य सनातन परंपरा के लिए नहीं हो सकता है। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि महाराष्ट्र के पालघर में हुई संतों की हत्या का संज्ञान लेते हुए संतों की हत्या करने वालों को शीघ्र से शीघ्र फांसी की सजा दी जाए। वरना श्री अखंड परशुराम अखाड़ा जूना अखाड़े के संतों के साथ मिलकर महाराष्ट्र कुच करेगा और संतों की हुई हत्या का बदला लेगा उन्होंने कहा कि दशनामी और ब्राह्मण इतने कमजोर नहीं है कि वे अपने संतों की मृत्यु पर केवल सोक प्रकट करें भगवान परशुराम ने अन्याय के खिलाफ पृथ्वी तल को दुष्ट आत्माओं से कई बार मुक्त किया है तो अब संतों की मौत का बदला श्री अखंड परशुराम अखाड़ा दशनाम गोस्वामी समाज के साथ मिलकर जूना अखाड़ा के संतो महंतों के नेतृत्व में लेगा।
जूना अखाड़े के संतो के हत्यारों को मिले मौत की सजा: पंडित अधीर कौशिक